बिजनेस रेमेडीज/जयपुर। भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक, निर्यातक और ग्राहक देश है, इस क्षेत्र में प्रमुखता से कार्यरत ‘मधुसूदन मसाला लिमिटेड’ का आईपीओ 18 सितंबर को खुलकर 21 सितंबर 2023 को बंद होगा।
गुजरात के जामनगर आधारित ‘मधुसूदन मसाला लिमिटेड’ विभिन्न प्रकार के मसालों का निर्माण एवं बिक्री करने वाली प्रमुख कंपनी है। कंपनी द्वारा कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं की पूर्ति और सामान्य कारपोरेट आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एनएसई इमर्ज प्लेटफार्म पर आईपीओ लाया जा रहा है। आज के लेख में हम कंपनी की कारोबारी गतिविधियों के साथ इंडस्ट्री डायनॉमिक्स, भावी योजना, फाइनेंशियल वैल्यूएशन के संबंध में जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
यह करती है कंपनी: मधुसूदन मसाला लिमिटेड “डबल हाथी” और “महाराजा” ब्रांडनेम के तहत 32 से अधिक प्रकार के मसालों के निर्माण और प्रसंस्करण में लगी हुई है। “डबल हाथी” ब्रांडनेम से मसाले की बिक्री कंपनी वर्ष 1977 से और “महाराजा” ब्रांडनेम नाम से मसाले की बिक्री वर्ष 2003 से कर रही है।
कंपनी “डबल हाथी” के ब्रांडनेम के तहत कतलू पाउडर (खाद्य पूरक), कसूरी मेथी (सूखी मेथी),साबुत मसाले, चाय और अन्य किराना उत्पाद जैसे राजगिरा आटा, पापड़, सोया उत्पाद, हींग, अचार मसाला (अचार पाउडर बनाने के लिए तैयार), संचार (काला नमक पाउडर), सिंधालु (सेंधा नमक पाउडर) इत्यादि भी बिक्री करती है। कंपनी खुदरा और थोक मात्रा में साबुत मसालों के साथ-साथ पापड़, सोया उत्पाद, हींग, काला नमक, सेंधा नमक आदि का भी कारोबार करती है, जो तीसरे पक्ष के निर्माताओं के माध्यम से खरीदे जाते हैं और “डबल हाथी” के ब्रांडनेम के तहत पैक किए जाते हैं।
कंपनी अपने उत्पाद की ऑनलाईन बिक्री स्वयं की वेबसाईट और अमेजन के माध्यम से करती है।
मधुसूदन मसाला के दो उत्पाद खंड हैं: पिसे हुए मसाले: इसमें मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर और धनिया जीरा पाउडर की किस्में शामिल हैं।
मिश्रित मसाले: इसमें गरम मसाला, चाय मसाला, छोले मसाला, सांभर मसाला, पाव भाजी मसाला, पानी पुरी मसाला, सब्जी मसाला, किचन किंग मसाला, चिकन मसाला, मीट मसाला, चटपटा चाट मसाला, बटर मिल्क मसाला, चेवड़ा मसाला, सूखा शामिल है। अदरक पाउडर (सनथ), काली मिर्च पाउडर (मारी), अमचूर पाउडर (आमचूर) आदि शामिल हैं। कंपनी की विनिर्माण सुविधा औद्योगिक क्षेत्र हापा, जामनगर के पास स्थित है, जो गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली के लिए ISO 9001.2015, ISO 22000:2018 & HACCP certifiedखतरनाक विश्लेषण महत्वपूर्ण नियंत्रण बिंदुओं के लिए एचएसीसीपी और खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत एफएसएसएआई लाइसेंस से मान्यता प्राप्त है।
भावी योजना: कंपनी के स्वयं के ब्रांड के उत्पादों की बिक्री का सीएजीआर वित्त वर्ष 2021 में दर्ज 11.60 फीसदी के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 में 24.54 फीसदी रहा है। कंपनी स्वयं के ब्रांड में कारोबार बढ़ाने को अधिक प्राथमिकता दे रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा मार्जिन हासिल हो सके। कंपनी की उपस्थिति गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के बाजारों में है और कंपनी से बढऩे का प्रयास कर रही है। वर्तमान में कंपनी का 2100 से अधिक होलसेलर्स और 3700 से अधिक रिटेलर्स का नेटवर्क है। कंपनी द्वारा नियमित रूप से इन्वेंटरी का ध्यान रखा जाता है ताकि कम से कम माल गोदाम में रखने पड़े। कंपनी द्वारा देश विशेष में आयोजित विभिन्न व्यापार मेलों में भागीदारी, विभिन्न पब्लिकेशंस में विज्ञापन और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से ब्रांडिंग करके व्यापार को बढ़ाने पर फोकस कर रही है। कंपनी की सबसे बड़ी ताकत लंबे समय से ग्राहकों को गुणवत्ता युक्त उत्पाद के फायदे कीमतों पर उपलब्ध करवा कर उनके साथ बनाए गए संबंध है। कंपनी द्वारा 4 करोड़ रुपए की लागत से 4029 मेट्रिक टन मल्टी कमोडिटी एग्री प्रोडक्ट्स कोल्ड स्टोरेज स्थापित किया जा रहा है। कंपनी का फोकस उत्पादन इकाई में कम कामगारों द्वारा, उचित वातावरण में संपर्क विहीन वह कम तापमान में मसालों के उत्पादन पर है।
इंडस्ट्री डायनामिक्स: 2022 में भारतीय मसाला बाजार का आकार 160,676 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। आगे विशेषज्ञों को उम्मीद है कि 2028 तक मसाला बाजार 298,909 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा, जो 2022-2028 के दौरान 10.9त्न की सीएजीआर गति से बढ़ सकता है। खाद्य और पेय (एफ एंड बी) क्षेत्र में बढ़ती उत्पाद मांग, औषधीय प्रयोजनों के लिए मसालों को व्यापक रूप से अपनाना, सरकारी समर्थन, टिकाऊ सोर्सिंग, निरंतर नवाचार और नए मिश्रणों की शुरूआत मसाला बाजार को आगे बढ़ाने वाले कुछ प्रमुख कारक हैं।
बाजार मुख्य रूप से मिश्रित मसालों की बढ़ती मांग से प्रेरित है। इसके अलावा, तेजी से शहरीकरण और व्यक्तियों और कामकाजी पेशेवरों की व्यस्त जीवनशैली मसाला बाजार के विकास को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा, स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण उपभोक्ता कृत्रिम मसालों की बजाय प्राकृतिक मसालों की ओर बढ़ रहे हैं, जो एक अन्य प्रमुख कारक का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, मसालों को बढ़ावा देने और निर्यात करने के भारत सरकार के प्रयास मसालों के बाजार विस्तार को और समर्थन देते हैं। साथ ही, भारतीय मसालों की सुगंधित और स्वादिष्ट अपील के कारण लोगों ने इसे बड़े पैमाने पर अपनाया और विभिन्न वितरण चैनलों के माध्यम से उपलब्ध सुविधाजनक, लागत प्रभावी और उच्च गुणवत्ता वाले मसालों की बढ़ती मांग बाजार के विकास को गति दे रही है। इसके अलावा, पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने वाली राइजोबैक्टीरिया (पीजीपीआर) तकनीक की शुरूआत से अंकुरण और शेल्फ जीवन में वृद्धि होती है, जिससे भारतीय मसाला बाजार में सकारात्मक वृद्धि हुई है। उक्त तथ्य से स्पष्टीकरण भारतीय मसाला बाजार का भविष्य काफी सकारात्मक है और इस स्थिति का फायदा इस क्षेत्र में कार्यरत कंपनी ‘मधुसूदन मसाला लिमिटेड’ को लंबी अवधि में मिलेगा।
फाइनेंशियल वैल्यूएशन: वित्त वर्ष 2023 के ईपीएस 6.94 रुपए के आधार पर कंपनी का आईपीओ 10.08 के पीई मल्टीपल पर आ रहा है। वित्त वर्ष 2023 की अवधि में कंपनी का रिटर्न ऑन नेटवर्थ 52.40 फीसदी, आरओसीई 20.08 फीसदी और आरओई 101.91 फीसदी दर्ज किया गया है। 31 मार्च 2023 तक कंपनी की असेट्स 57.36 करोड़ रुपए, नेटवर्थ 10.99 करोड़ रुपए, रिजर्व एंड सरप्लस 5.99 करोड़ रुपए और कुल कर्ज 42.17 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है। मसाला बिजनेस में करीब 5 फ़ीसदी का कर पश्चात शुद्ध लाभ मार्जिन अच्छा कहा जा सकता है। आगे जाकर जैसे-जैसे कंपनी का कर्ज कम होगा वैसे-वैसे कंपनी का बॉटम लाइन मार्जिन सुधरेगा।
कंपनी के आईपीओ के संबंध में जानकारी: ‘मधुसूदन मसाला लिमिटेड’ का आईपीओ एनएसई इमर्ज प्लेटफार्म पर 18 सितंबर,2023 को खुलकर 21 सितंबर 2023 को बंद होगा। कंपनी द्वारा 10 रुपए फेसवैल्यू के 3400,000 शेयर बुक बिल्ट इश्यू प्रणाली से 66 से 70 रुपए प्रति शेयर के भाव पर जारी कर 23.80 करोड़ रुपए जुटाए जा रहे हैं। कंपनी के आईपीओ का मार्केट लॉट साइज 2000 शेयरों का है। कंपनी के आईपीओ का प्रबंधन प्रमुख लीड मैनेजर कंपनी हेम सिक्युरिटीज लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
4 दशकों से कंपनी का एकाधिकार है जिसमें डबल हाथी और महाराजा ब्रांड इसका प्रसिद्ध है। यह एनएसई ईमर्ज पर सूचीबद्ध होगी।
मधूसूदन विभिन्न प्रकार के मसालों का निर्माण एवं बिक्री करती है। कंपनी के पास 32 प्रकार के पिसे मसालों के 212 एसकेयू हैं। 20 एसकेयू खडे मसालो के और 51 चाय और अन्य के हैं। 2100 होलसेलर एवं 3,700 रिटेलर गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में हैं। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का 127 करोड़ का कारोबार और 5.75 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था। तीन सालों की सीएजीआर वृद्धि 36 पर्सेंट से ज्यादा रही है। इसके प्रमोटर रिशित और हिरन कोटेचा है।
नोट: कंपनी के आईपीओ में निवेश करने से पूर्व निवेशक पंजीकृत निवेश सलाहकारों की सलाह लेंवे, यह लेख निवेश सलाह नहीं है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक, निर्यातक और ग्राहक देश है, इस क्षेत्र में प्रमुखता से कार्यरत ‘मधुसूदन मसाला लिमिटेड’ का आईपीओ 18 सितंबर को खुलकर 21 सितंबर 2023 को बंद होगा
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