नई दिल्ली। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने कहा कि कमजोर आर्थिक वृद्धि, सुस्त पड़ती कमाई से वर्ष 2020 में वित्तीय क्षेत्र को छोड़ दूसरे क्षेत्रों की ज्यादातर भारतीय कंपनियों की साख परिस्थितियां कमजोरी बनी रहेगी।
मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ साख अधिकारी कोस्तुभ चौबाल ने कहा, ”प्रमुख कंपनियों के क्रेडिट परिवेश में 2020-21 के दौरान ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं लगती है। ऊंचा ऋण स्तर, कमजोर मुनाफा वृद्धि और लगातार जारी आर्थिक सुस्ती की वजह से यह हो रहा है जिससे निवेश और खपत दोनों पर ही असर पड़ रहा है।चौबाल ने हालांकि, कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार नरमी का रेटिंग कंपनियों पर बहुत कम नकारात्मक असर होगा क्योंकि इन कंपनियों में इस स्थिति के लिए स्वाभाविक रूप से बचाव के उपाय पहले से किए गए हैं। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस का कहना है कि, ”ऐसे कारक जिनसे भारत की गैर-वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों के लिए परिवेश में सुधार आ सकता है उनमें खपत मांग बढ़ाने क लिए सरकार की तरफ से किए जाने वाले प्रोत्साहन उपाय, बेहतर वित्तपोषण और बाजार में तरलता की स्थिति में सुधार जैसे उपायों से घरेलू मांग और उपभोक्ता वित्तपोषण दोनों को ही बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय कंपनियों के लिए 2020 में बनी रहेगी चुनौतियां: मूडीज
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