रायपुर
राजधानी रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथारिटी (रेरा) के नियमों के तहत बिल्डरों को हर तीन महीने में प्रोजेक्ट के विकास से संबंधित रिपोर्ट देने का नियम है लेकिन प्रदेश में लगभग 50 फीसदी बिल्डर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। रेरा से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक सभी बिल्डरों ने तिमाही रिपोर्ट जमा नहीं की है, जिसमें प्रोजेक्ट के विकास से संबंधित जानकारी देनी है। इसके साथ ही मकान, जमीनों की खरीदी-बिक्री की जानकारी को भी हर तीन महीने में अनिवार्य रूप से अवगत कराना है।
हितग्राहियों की नहीं बनी है सोसायटी : नियमों के मुताबिक पजेशन मिलने के पहले हितग्राहियों की सोसायटी बनानी है, जिसमें बुकिंग करा चुके आवंटिती शामिल होंगे। रेरा के साथ-साथ इस सोसायटी की नजर भी प्रोजेक्ट पर होगी। प्रोजेक्ट के संबंध में रिपोर्ट सोसायटी के पदाधिकारी भी रेरा में दे सकते हैं। रेरा में अब तक कुल 921 प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है, वहीं 553 प्रमोटर्स, 322 एजेंट और कुल 209 शिकायतें प्राप्त हुई है।
फोटो के साथ देनी है जानकारियां : रेरा में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट में कितना विकास हुआ। यह जानकारियां फोटोग्राफ के साथ उपलब्ध करानी है। इसके साथ ही प्रोजेक्ट के खाते से कितने रुपए निकाले गए, इसमें से कितना काम हुआ आदि जानकारियां हर तीन महीने में रेरा में उपलब्ध करानी होगी।
रिपोर्ट जमा नहीं करने पर पेनाल्टी : नियमों के मुताबिक तिमाही रिपोर्ट जमा नहीं करने पर बिल्डरों पर पेनाल्टी लगाई जाएगी, जिसमें पहले दिन 5 हजार, अगले 10 दिन बाद 10 हजार व फिर अगले 10 दिन बाद 20 हजार रुपए पेनाल्टी का नियम है।
बिल्डरों को देनी थी हर तीन महीने में प्रोजेक्ट रिपोर्ट, अब तक नहीं मिली कोई जानकारी
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