निरंजनाथ आचार्य राजसमंद के प्रथम विधायक
राजसमंद विधानसभा सीट से प्रथम विधायक बनने का सौभाग्य निरंजन नाथ आचार्य को मिला। वे प्रथम बार यहां हुए चुनाव में वर्ष 1975 में रामराज्य परिषद के कन्हैया लाल को हराकर विधायक बने। वे राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्ष 1962 के चुनाव में भी निरंजन नाथ आचार्य ने निर्दलीय रोशन लाल बड़ोला को हराया। राजसमंद से प्रथम महिला विधायक होने का अवसर किरण माहेश्वरी को मिला हैं। वे उदयपुर से सांसद और भाजपा की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष, राज्य की भाजपा सरकार में उच्चशिक्षा मंत्री भी रही हैं। इस सीट से लगातार जीत की हैट्रिक बनाने का रिकार्ड भी किरण माहेश्वरी के नाम हैं। वे सबसे पहले वर्ष 2008 फिर 2013 और 2018 में भाजपा से विधायक बनी।
वर्ष 2021 में उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ती माहेश्वरी विधायक बनी। उन्होंने कांग्रेस के तनसुख बोहरा को 5310 वोटों के अंतर से हराया था। वर्ष 1957 और 1962 के चुनाव तक राजसमंद सीट सामान्य वर्ग के लिए रही पर 1967 से 2003 के चुनाव तक यह क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहा। वर्ष 2008 के चुनाव में फिर से सामान्य वर्ग की सीट बन गया। वर्ष 2008 व 2013 के दो चुनाव में किरण माहेश्वरी ने कांग्रेस के हरिसिंह राठौड़ को और 2018 में कांग्रेस के नारायण सिंह भाटी को हराया। वर्ष 1967 में रिजर्व सीट होने पर यहां से कांग्रेस के अमृत लाल ने निर्दलीय कैलाश चन्द्र को हराया और 1972 में भी कांग्रेस के नंदलाल ने जनसंघ के कैलाश चंद को हराया।
वर्ष 1977 में जनतापार्टी की लहर में दो चुनाव हार चुके कैलाश चंद ने कांग्रेस के नंदलाल को हराकर विधानसभा में प्रवेश किया। वर्ष 1980 में फिर से कांग्रेस के नंदलाल ने भाजपा के डालचंद को हरा दिया और वर्ष 1985 के चुनाव में भी कांग्रेस के मदन लाल ने भाजपा के गणेश लाल को हराया। वर्ष 1990 में पहली बार इस सीट से भाजपा के शांतिलाल खोईवाल ने पार्टी का खाता खोला। उन्होंने वर्ष 1990 और 1993 के दोनों चुनाव में कांग्रेस के नानालाल वेरवाल को हराया। वर्ष 1998 के चुनाव में भाजपा ने शांति लाल का टिकट काटकर हीरा लाल रेगर को दिया। इस चुनाव में कांग्रेस के बंशीलाल गहलोत की विजय हुई पर वे 2003 में भाजपा के बंशीलाल खटीक से हार गए। बंशी लाल राजसमंद से आरक्षित वर्ग के आखरी विधायक रहे। राजसमंद से विधायक बनकर राज्य की राजनीति में विशेष पहचान निरंजन नाथ आचार्य और किरण माहेश्वरी ने बनाई। साथ ही माँ-बेटी के रुप में विधायक बनने का अवसर भी किरण और दीप्ती माहेश्वरी को ही मिला हैं।
उमेन्द्र दाधीच
@ बिज़नेस रेमेडीज