न्यूयॉर्क। जर्मनी के तानाशाह हिटलर की पसंद रह चुकी बीटल कार अब अपने उत्पान के अंतिम दिनों की गिनती कर रही है। एक समय इस कार ने आम लोगों की कार के तौर पर दुनिया भर में धूम मचायी थी। पिछले 70 साल से इसने दुनिया भर की सडक़ों पर एक खास पहचान बनायी है।
बीटल की निर्माता जर्मनी की कंपनी फॉक्सवैगन ने कहा कि वह इसके अंतिम संस्करणों के एक जोड़े का उत्पादन कर 2019 में इसका उत्पादन बंद कर देगी। कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों तथा बड़े परिवारों को ध्यान में रखकर तैयार की जा रही कारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस लिए उसकी प्रथमिकता में बीटल हासिए से भी बाहर पहुंचने की कगार पर है।
अमेरिका में फॉक्सवैगन गु्रप के मुख्य कार्यकारी हिनरिक वोएबकेन ने कहा, ‘‘हम अमेरिकी परिवारों की जरूरत के हिसाब से उपयुक्त वाहनों और विद्युतीकरण पर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि मैं यह भी कहना चाहूंगा कि कभी भी ‘कभी नहीं’ नहीं कहना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तीन पीढय़िों और करीब सात दशकों से अधिक समय बाद बीटल का बंद होना इसके समर्पित प्रशंसकों की भावनाओं को स्पंदित करेगा।’’ कंपनी ने कहा कि उसकी योजना बीटल के दो अंतिम संस्करण पेश करने की है। इसकी कीमत 23,045 डॉलर और
इससे अधिक हो सकती है। नाजी जर्मनी में पहली बार आई यह कार ने दुनिया भर में काफी धूम मचाई। फर्डिनांड पॉर्श ने इसे हिटलर के समर्थन से विकसित किया था। पॉर्श ने हिटलर के संरक्षण में 1937 में सार्वजनिक वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगनवर्क यानी आम लोगों की कार बनाने वाली फैक्ट्री (कंपनी) गठित की थी।द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी के वाहन उद्योग को बदहाली से बाहर निकालने के लिए फॉक्सवैगन को प्राथमिकता दी। सेडान बीटल को अमेरिका में पहली बार 1950 के दशक में उतारा गया था। नाजी जर्मनी से जुड़ाव के कारण तब इसकी बिक्री काफी कम रही