Saturday, September 14, 2024
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फिक्की ने 15 वें वित्त आयोग को सुझाव दिये

by Business Remedies
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जयपुर। भारत के 15 वें वित्त आयोग की जयपुर में हितधारकों के साथ बैठक में फिक्की को भी आमंत्रित किया गया। बैठक में फिक्की ने राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों को सहायता के लिए वित्त आयोग को सुझाव दिए। फिक्की मुख्य रूप से कच्चा तेल, पर्यटन, अक्षय ऊर्जा, खनन, मोबिलिटी और स्वच्छ प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर सुझाव दिए और साथ ही मेट्रो ट्रेन नेटवर्क, मोनोरेल, बैट्री से चलने वाली बसें, इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्ज और रखरखाव के लिए बुनियादी ढाँचे के विकास में राज्य की सहायता के लिए वित्त आयोग को फिक्की ने ये सुझाव दिये।
कच्चा तेल: राजस्थान देश में कुल घरेलू कच्चे तेल उत्पादन का लगभग 22.68 प्रतिशत उत्पादन कर रहा है। आगामी रिफाइनरी के साथ, संबद्ध उद्योगों के विकास की जबरदस्त संभावना है। इस क्षेत्र में व्यापक संभावनाओं को प्राप्त करने के लिए औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास, बुनियादी ढाँचे और सामाजिक बुनियादी ढाँचे, जिसमें कौशल विकास शामिल हो, में निवेश किया जाना चाहिए।
पर्यटन: पर्यटन राज्य के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। हाल ही में जयपुर सिटी को यूनेस्को द्वारा वल्र्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है। राजस्थान में कई और शहर हैं जिनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। इन शहरों की मूर्त और अमूर्त धरोहरों को संरक्षित करने के लिए निवेश करने की आवश्यकता है,ताकि इस क्षेत्र की संभावनाओं को अधिकतम किया जा सके, जिसका सीधा असर रोजगार और उद्यमिता पर पड़ता है।
अक्षय ऊर्जा : राज्य में अक्षय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से बिजली उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। यदि भारत को 2022 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से अपने 100 द्द2 लक्ष्य को प्राप्त करना है, तो यह राजस्थान के बिना नहीं किया जा सकता है। अक्षय ऊर्जा के लिए ट्रांसमिशन ढांचे के विकास में पर्याप्त निवेश किया जाना है।
खनन: राज्य में लगभग 81 प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं और 57 खनिजों का उत्पादन राज्य में व्यावसायिक पैमाने पर किया जाता है। यह आयामी और सजावटी पत्थरों के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। मिनरल एक्सप्लोरेशन में निजी क्षेत्र की भागीदारी और एफडीआई को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इस संबंध में हालिया नीतिगत पहल के प्रभाव का आकलन करने की भी जरूरत है।
मोबिलिटी और स्वच्छ प्रौद्योगिकी: पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक विकास के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि हुई है। इसमें प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन और औद्योगिक क्षेत्रों में प्रभावी उपचार के साथ-साथ उद्योग के स्तर पर स्वच्छ ईंधन और प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए निवेश की आवश्यकता होती है। आज के आर्थिक परिदृश्य में इसके लिए निवेश के साथ साथ सहायता की भी जरूरत है।

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