जयपुर। राजसिको के प्रबंध संचालक डॉ.कृष्णा कांत पाठक ने प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की आवश्यकता प्रतिपादित की है। उन्होंंने कहा कि राज्य से अपेरल, कृषि उत्पादों, मिनरल्स, जेम एवं ज्वैलरी, लेदर उत्पादों, टैक्सटाईल आदि क्षेत्रों में निर्यात को और अधिक बढ़ाने की विपुल संभावनाएं है।
डॉ. पाठक मंगलवार को होटल हिल्टन में राजसिको और दून लॉजिस्टिक के संयुुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश से करीब 50 हजार करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात हो रहा है। उन्होंने बताया कि राजसिको द्वारा प्रदेश से आयात निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए इनलैंड कंटेनर डिपो और एयर कारगो सेवाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आईसीडी को सांगानेर व कनकपुरा रेल मार्ग से जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी प्रकार आयुक्त ( कस्टम) सुभाष अग्रवाल ने बताया कि आयात निर्यात को सुगम करने की लिए सरकार द्वारा प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि कस्टम क्लियरेंस के लिए सिंगल विण्डो ऑनलाईन सिस्टम लागू किया है। उन्होंने बताया कि ई-संचित से अब और अधिक आसानी हो गई है।
अग्रवाल ने उद्यमियों से भी अवेयर होने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि प्रपत्र को सही तरीके से तैयार कर अपालोड करने से क्लियरेंस में और अधिक आसानी हो जाती है। उन्होंने कहा कि अब कस्टम प्रक्रिया को बहुत आसान कर दिया गया है।
इस अवसर पर दून लॉजिस्टिक के एसपी सिंह ने बताया कि लॉजिस्टिक सेवाओं में तेजी से सुधार और विस्तार हुआ है। उन्होंने बताया कि राजसिको द्वारा जयपुर और जोधपुर से आईसीडी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
वहीं ईपीसीएस के पूर्व चेयरमैन लेखराज माहेश्वरी और चैंबर ऑफ कामर्श के मानद सचिव एन के जैन ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में पुनीत कुमार ने प्रजेंटेशन के माध्यम से लॉजिस्टिक सेवाओं की जानकारी दी।
