नई दिल्ली। भारतीय रियल एस्टेट बाजार के लिए साल 2018 पिछले दो वर्षों के मुकाबले बेहतर रहा है। इसकी प्रमुख वजह, नोटबंदी, जीएसटी और रेरा के लागू होने के बाद जमीनी स्तर पर हालात सामान्य होना है। जीएसटी और रेरा ने अब रियल एस्टेट डेवलपर्स, खरीदारों, निवेशकों और इससे जुड़े सभी हितधारकों को लाभ देना शुरू कर दिया है।
हालांकि इस सब के बावजूद डेवलपर्स नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने से कतरा रहे हैं। इस साल नए घरों की आपूर्ति इससे पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 1.9 लाख इकाई रह गई है। इससे बाजार में अनसोल्ड इनवेंट्री तो कम हुई है लेकिन सप्लाई घटी है। इसका असर अगले साल देखने को मिल सकता है। बाजार में आपूर्ति कम होने और मांग बढऩे से बाजार में तेजी आएगी, लेकिन प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी भी होगी।
अगले साल ये तीन फैक्टर्स देंगे बाजार को बूस्ट : अगले साल यानी 2019 में रियल एस्टेट बाजार में तेजी लाने में तीन फैक्टर्स अहम भूमिका अदा करेंगे। पहला, काबू में आती महंगाई, दूसरा अर्थव्यवस्था में तेजी से होता सुधार और तीसरा घरों की कीमत स्थिर होना होगा। ये तीन फैक्टर्स रियल्टी सेक्टर में तेजी लाएंगे।
वल्र्ड क्लास इंफ्रा से मिलेगी नई ऊर्जा : केंद्र सरकार की ओर से पिछले साढ़े चार सालों में राजमार्गों, सड़कों, मेट्रो नेटवर्क, परिवहन गलियारे, पुलों, रेलमार्गों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचे के विकास पर पूरा जोर दिया गया है। वल्र्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर होने से रियल एस्टेट सेक्टर को अगले साल नई ऊर्जा मिलेगी।
मुख्य रूप से एनसीआर क्षेत्र में मेट्रो नेटवर्क का दायरा तेजी से बढऩे की वजह से नोएडा-गुरुग्राम रियल एस्टेट बाजार को बड़ा बूस्ट मिलेगा। इसका फायदा इस क्षेत्र में काम रहे डेवलपर्स और घर खरीदारों को मिलेगा।
