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पत्रकारिता विश्वविद्यालय में एआई और मशीन लर्निंग के लिए बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/जयपुर
हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (एचजेयू) में जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को देने के लिए ‘डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज’ स्थापित किया जाएगा। अग्रणी टेक्लॉजी कंपनी मोबिलाइट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड इस सेंटर की स्थापना में मदद करेगी।
अकादमिक परिसर खासकोठी में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मोबिलाइट फाउंडेशन और एचजेयू के बीच एक एमओयू पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुधि राजीव और मोबिलाइट के डायरेक्टर एंड वाइस प्रेसिडेंट (आईओटी, ऑटोमेशन एंड क्लाउड सॉल्यूशंस) आकाश गहलोत ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर मोबिलाइट के वाइस प्रेसिडेंट (ब्रांड मार्केटिंग एंड स्ट्रेटजी) गौरव कथूरिया भी उपस्थित थे। इस अवसर पर गौरव कथूरिया ने कहा कि आने वाला समय इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), मेटावर्स, ब्लॉकचेन और वेब 3 जैसी आधुनिक टेक्नोलॉजी का है। यह देश और दुनिया में सभी लोगों के जीवन को किसी न किसी प्रकार प्रभावित करने वाला है। मोबिलाइट के डायरेक्टर एंड वाइस प्रेसिडेंट आकाश गहलोत ने विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि इस एमओयू के तहत एक डिजिटल सेंटर डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज विद्यार्थियों को इस नई टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि एआई और मशीन लर्निंग पत्रकारिता और जनसंचार क्षेत्र को अत्यधिक प्रभावित करने वाला है। डिजिटल उपकरण और एप्लीकेशंस यूजर्स का डेटा जमा करते हैं और इसका उपयोग एआई में किया जाता है। उन्होंने आईओटी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के भावी उपयोग पर भी विस्तार से चर्चा की। साथ ही मेटावर्स और वेब3 के फायदे और नुकसान भी गिनाए। इस टेक्नोलॉजी का उपयोग मीडिया में किस प्रकार किया जा सकता है, उस पर यह सेंटर काम करेगा। कुलपति प्रो. सुधि राजीव ने एमओयू के लिए मोबिलाइट टेक्नोलॉजीज के सीईओ श्री जगदीश हर्ष का आभार जताया और उम्मीद जताई कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इस सेंटर की मदद से एआई और मशीन लर्निंग संबंधी तकनीक का भरपूर फायदा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि मोबिलाइट फाउंडेशन यह कार्य सीएसआर के तहत कर रहा है और इसका विश्वविद्यालय पर कोई वित्त भार नहीं पड़ेगा। इसके तहत प्रशिक्षण के लिए विद्यार्थियों और शिक्षकों का आदान-प्रदान भी होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।

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