जयपुर।
वर्तमान की तीव्र गति वाली जीवन शैली में हर आदमी स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के प्रति जागरुक हो रहा है और ऐसे में वह खान-पान में प्रमुखता से ड्राईफ्रूट को शामिल कर रहा है। वहीं गिफ्ट पैक, शादी-विवाह और कई प्रकार की ड्राईफ्रूट रेसेपी व स्वीट्स का चलन बढऩे से ड्राईफ्रूट की मांग दिन ब दिन बढ़ रही है। यह वह स्थिति है जो ड्राईफू्रट कारोबार को बल प्रदान कर रही है। प्रदेश आधारित कंपनी ‘श्री राम एंड कंपनी’ लंबे समय से देश में क्वालिटी ड्राईफ्रूट की विभिन्न वैरायटी के साथ मुहैया कराने में अहम भूमिका निभा रही है। बिजनेस रेमेडीज की टीम ने ‘श्री राम एंड कंपनी’ के संचालक प्रहलाद राय अग्रवाल से मिलकर कंपनी की कारोबारी शुरुआत, कारोबारी गतिविधियां, कारोबारी विस्तार, जीएसटी का प्रभाव, कारोबारी समस्या और
सुझाव जैसे विषयों के संबंध में चर्चा की।
कारोबारी शुरुआत: ‘श्री राम एंड कंपनी’ की शुरुआत वर्ष १९८६ में दीनदयाल अग्रवाल द्वारा लोगों को गुणवत्तायुक्त ड्राईफ्रूट मुहैया कराने के उद्देश्य से की गई थी। वर्तमान में कंपनी का संचालन प्रहलाद राय अग्रवाल द्वारा संभाला जा रहा है।
कारोबारी गतिविधियां: वर्तमान में कंपनी बादाम, काजू, अखरोट, पिस्ता, मुनक्का, अंजीर इत्यादि की विभिन्न वैराटयी की बिक्री प्रमुखता से कर रही है। कंपनी द्वारा मुख्य रूप से राजस्थान के पड़ौसी राज्यों जैसे हरियाणा, गुजरात और उत्तरप्रदेश में ड्राईफ्रूट की प्रमुखता से बिक्री की जा रही है। इसके साथ ही कंपनी राजस्थान में तो प्रमुखता से ड्राईफ्रूट की बिक्री कर ही रही है। कंपनी संचालक प्रहलाद राय अग्रवाल ने बताया कि ड्राईफू्रट कारोबार में बहुत ज्यादा प्रतिस्पद्र्धा है और मार्जिन काफी कम हो गया है। कंपनी द्वारा देश और विदेश से मंगवाया जाने वाला क्वालिटी ड्राईफ्रूट प्राथमिकता से आपूर्ति किया जाता है। कंपनी का अधिकत्तर तैयार माल विभिन्न ड्राईफ्रूट की फैक्ट्रियों से आता है।
जीएसटी का कारोबारी प्रभाव: उन्होंने बताया कि जीएसटी कानून लागू करने से कारोबार स्मूथ हो गया है और इस कानून से अवैध रूप से होने वाला ड्राईफ्रूट कारोबार खत्म हो गया है। हालांकि सरकार को जीएसटी कानून को इतना सरल बनाना चाहिए जिससे आम कारोबारी भी आसानी से जीएसटी कानून की पालना प्रभाती तरीके से कर सके।
ड्राईफ्रूट मंडी हो बढ़ सकता है कारोबार: प्रहलाद राय अग्रवाल के अनुसार दीनानाथ जी की गली में ड्राईफ्रूट की करीब ४०० दुकानें हैं। उन्होंने बताया कि अगर सरकार ड्राईफ्रूट कारोबार के लिए ४०० दुकानों की क्षमता वाली मंडी विकसित करे तो जयपुर का ड्राईफ्रूट कारोबार काफी वृद्धि कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस मंडी में अगर शादी-विवाह का सामान एवं मसालों को जगह दी जाये तो यह मंडी देश में कीर्तिमान रच सकती है। उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद जयपुर की ड्राईफ्रूट मंडी अभी देश में सबसे प्रमुख बनी हुई है अगर राज्य सरकार कूकरखेड़ा मंडी के आस-पास ड्राईफ्रूट मंडी स्थापित करे तो यहां का ड्राईफ्रूट कारोबार काफी अच्छी तरीके से विस्तार कर सकता है।
सरकार को सुझाव और सामाजिक सरोकार: प्रहलाद राय अग्रवाल के अनुसार ड्राईफ्रूट कारोबार में कार्यरत अधिकाशं कारोबारी ने उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं की है। ऐसे में सरकार को सब कारोबारियों को साथ लेकर चलने की नीति बनानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि वें आवश्यकता पडऩे पर सामाजिक सरोकार के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कारोबार के संबंध में कहा है कि अब जीएसटी कानून आ गया है और सबकों को ईमानदारी के साथ कारोबार करना चाहिए।