बिजनेस रेमेडीज/मुंबई। टाटा मोटर्स की कॉमर्शियल व्हीकल्स यूनिट (सीवीबीयू) ने इस सीजन से प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के साथ एसोसिएट स्पांसर के रूप में तीन साल लंबी साझेदारी की घोषणा की है। इसी के साथ टाटा मोटर्स लगातार दूसरे साल मुख्य प्रायोजक के तौर पर प्रो कबड्डी के फ्रेंचाइजी यू.पी. योद्धा को अपना समर्थन मुहैया कराएगा। भारत और विदेश में प्रतिभाशाली खिलाडय़िों को बढ़ावा देने के लक्ष्य से किया गए इस समझौते से कबड्डी के साथ टाटा मोटर्स के लंबे जुड़ाव को मजबूती मिली है। इस साझेदारी से टाटा मोटर्स को देश भर में हितधारकों से गहरे संबंध बनने की उम्मीद है, जिसमें ड्राइवर, फ्लीट ओनर्स (बसों के बेड़े के मालिक) और आम जनता शामिल है।
इस साल, टाटा मोटर्स इस लीग में दो नए तत्वों को पेश करेगा। हर मैच के बाद बेस्ट डिफेंडर को टाटा एस डिफेंडर ऑफ द मैच अवार्ड से नवाजा जाएगा। सीजन के अंत में टाटा एस डिफेंडर ऑफ द मैच पुरस्कार टाटा एस डिफेंडर ऑफ द सीजन में बदल जाएगा। टाटा मोटर्स अब टाटा एस फैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी प्रदान करेगा। इस पुरस्कार के विजेताओं को वीआईपी बॉक्स से पीकेएल का एक मैच लाइव देखने का सुनहरा मौका मिलेगा। विजेता को टीवी पर भी आने का मौका मिलेगा।
टाटा मोटर्स में कॉमर्शियल व्हीकल बिजनेस यूनिट के प्रेसिडेंट गिरीश वाघ ने कहा, कबड्डी जैसे खेलों ने भारत में आम जनता से जुडऩे में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। ये खेल जोश, जुनून, ऊर्जा और गतिशीलता के शानदार उदाहरण रहे हैं, जिससे टाटा मोटर्स कॉमर्शियल व्हीकल्स ब्रैंड हमेशा जुड़ा रहा है। कबड्डी का खेल हमारे देश में जोश और जुनून का प्रतीक माना जाता है। प्रो कबड्डी लीग ने कबड्डी के मैच देखने वाले दर्शकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी की है और देश भर में लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है। कॉमर्शियल व्हीकल्स हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। किसी न किसी रूप में ये रोजाना हमारी जिंदगी पर असर डालते हैं। कबड्डी का खेल देश में लोगों को काफी पसंद रहा है। कबड्डी ने समाज के सभी वर्गों में अपनी पैठ बना ली है। हम प्रो कबड्डी लीग फ्रेंचाइजी के साथ पार्टनर बनकर वाकई बेहद प्रसन्न हैं। हम यूपी योद्धा की टीम को समर्थन देना कायम रखेंगे। हमें पूरा विश्वास है कि इस साझेदारी से देश की मिट्टी और कुदरती देसी जड़ों से गहरे संबंध विकसित कर बेहतर लाभ हासिल लिए जा सकेगा। कबड्डी की तुलना में किसी दूसरे स्पोटर्स या मार्केटिंग इवेंट से इस तरह के फायदे कम ही हासिल किए जा सकते हैं।भारत में कबड्डी जैसा देसी खेल हजारों वर्षों से खेला जा रहा है। यहां लोगों में कबड्डी की लोकप्रियता भी अच्छी खासी है।