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टाटा पावर की स्ट्रैटेजिक इंजीनियरिंग डिविजन (टाटा पावर एसईडी) ने स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) के लिए विकसित की गई लडाकू प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) नौसेना को सौंप दी है। टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एमडी सुकरण सिंह ने सेना के चीफ ऑफ मटीरियल वाइस एडमिरल जी.एस. पब्बी, पीवीएसएम, एवीएसएम और वीएसएम को यह प्रणाली सौंपी। सीएमएस के सभी पहलुओं का सफलतापूर्वक परीक्षण और जांच के बाद यह सिस्टम टाटा एसईडी के बेंगलुरु स्थित ऑफिस में नौसेना को सौंपा गया।
इस सिस्टम का विकास मेसर्स टाटा पावर स्ट्रैटजिक इंजीनियरिंग डिवीजन ने वेपंस एंड इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियरिंग एस्टेबलिशमेंट; डब्ल्यूईएसईई और रूस की मार्स कंपनी के सहयोग से किया गया है। इस कार्यक्रम में रियर एडमिरल एंटोनी जॉर्ज, एनएम, वीएसएम, एसीएनएस, एसआर रियर एडमिरल एस. के. नायर, एनएम, एसीओएम आईटीएंड एस के साथ भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा मेसर्स टीपीएसईडी के सीओओ नीलेश टूंगर और सीटीओ आर. मुुरलीधरन भी मौजूद थे।
भारत सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी के तहत यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसका महत्व इसलिए और बढ़ जाता है कि यह किसी निजी कंपनी की ओर से नौसेना के स्वदेशी विमानवाहक पोत के लिए विकसित की गई पहली लड़ाकू प्रबंधन प्रणाली सीएमएसद्ध है। इस सीएमएस को मंजूरी दिए जाने से पहले सिस्टम के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का कड़ा परीक्षण किया गया। नौसेना को यह प्रणाली सौंपे जाने से पहले इसकी गहन जांच की गई है।
सभी स्वीकृति परीक्षणों, सहनशक्ति संबंधी परीक्षण और फुल लोड ट्रायल की कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही इसे नौसेना को सौंपा गया है।
