जयपुर। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में अहम भूमिका निभाने वाली मेट्रो के सैकंड फेज की डीपीआर हर सरकार में बदल रही है। डीपीआर अब तक दो सरकारों में बदल चुकी है। अब कांग्रेस सरकार में सैकंड फेज की उम्मीद जगी है। सरकार बनने के डेढ़ महीने बाद ही नई डीपीआर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अबकी डीपीआर दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन तैयार करेगी। मेट्रो प्रशासन ने फाइल प्रोसेस कर दी है। डीपीआर कितने बनेगी, मार्ग क्या होगा? ये सब अब डीएमआरसी तय करेगा। डीएमआरसी ने 2010 में भी डीपीआर तैयार की थी। इस डीपीआर के लिए बीजेपी सरकार ने विदेशी कंपनी को टेंडर दिया था।
सीतापुरा से अंबाबाड़ी तक 23 किमी की दूरी पर बनने वाली मेट्रो की लागत 10 हजार करोड़ आंकी गई थी। करीब 20 मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित थे। आठ साल पहले बनी डीपीआर में सीतापुरा, प्रतापनगर, हल्दीघाटी गेट, सांगानेर, एयरपोर्ट, दुर्गापुरा, महावीर नगर, गोपालपुरा मोड, देवनगर, टोंक फाटक, गांधी नगर मोड, स्टेडियम, नारायण सिंह सर्किल, एसएमएस अस्पताल, अजमेरी गेट, सिंधी कैंप बस स्टैंड, कलेक्ट्रेट सर्किल, गर्वमेंट हॉस्टल, पानीपेच और अंबाबाड़ी मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित थे।
अब अंबाबाड़ी से वीकेआई तक बढ़ाया रूट : नई डीपीआर में कम लागत में यात्री भार देखते हुए डीपीआर बनेगी। साथ में लागत कम करने पर फोकस है। इसके लिए फ्रांस की इजिस रेल कंपनी को 6 माह में डीपीआर देनी थी। एक साल बाद कंपनी ने आधी-अधूरी डीपीआर दी। इस पर 1 करोड़ रुपए खर्च हुए। कंपनी ने मेट्रो रेल सैकंड फेज सीतापुरा से आंबावाडी तक प्रस्तावित मेट्रो रेल का द्वितीय चरण अब विश्वकर्मा में रोड नंबर 12 तक ले जाने कंपरेटिव मोबिलिटी प्लान रिपोर्ट में सुझाव दिया। तर्क था कि पांच साल में लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट अधिक यूज करने लगे हैं। पहले द्वितीय फेज के लिए 23 किमी दूरी मानी गई थी वीकेआई तक जाने से यह 29 किलोमीटर हो जाएगी।
जयपुर मेट्रो के सैकंड फेज की डीपीआर तीसरी बार बनेगी
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