मुंबई। कोरोनावायरस ने दुनियाभर के शेयर बाजारों को भी गिरफ्त में ले रखा है और इसका असर गुरूवार को भारतीय बाजार पर भी दिखा। गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स ने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई।
अंकों के आधार पर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दिखी। वहीं प्रतिशत के हिसाब से साल 2008 के बाद बाजार में सबसे बड़ी एक दिनी गिरावट दर्ज हुई है। गुरूवार के कारोबार में सेंसेक्स 2919 अंक की गिरावट के साथ 32778 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 868 अंक की गिरावट के साथ 9590 के स्तर पर बंद हुआ है। दोनो ही इंडेक्स में करीब 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।
बाजार में गिरावट से एक दिन में निवेशकों को करीब 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 10.9 लाख करोड़ रुपये घट गया है। वहीं साल 2020 में अब तक बीएसई का कुल मार्केट कैप 29 लाख करोड़ रुपये घट गया है। बुधवार को ही कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। भारत सहित कई देशों ने खुद की सीमाओं पर प्रतिबंध लगा दिए हैं, इससे दुनिया भर के कारोबार पर काफी बुरा असर पडऩे की आशंका बन गई है। बाजार को आशंका है कि चीन से शुरू हुए प्रतिबंधों के अब कई देशों तक पहुंचने की वजह से कंपनियों की आय पर पहली तिमाही के दौरान पडऩे वाला असर आगे दूसरी तिमाही में भी पहुंच सकता है।
महामारी से घबराई दुनिया: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के प्रकोप को महामारी घोषित किया और इसकी रोकथाम की तैयारियों को लेकर चिंता जताई।
इस घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले 30 दिनों तक ब्रिटेन को छोड़कर सभी यूरोपीय देशों की अपनी यात्रा रद्द कर दी है। कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट का रुख है। ब्रेंट क्रूड वायदा पांच प्रतिशत टूटकर 34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इस सभी वैश्विक कारणों की चपेट में घरेलू शेयर बाजार भी आ गया।
सेंसेक्स के सभी शेयरों में घाटे के साथ कारोबार हो रहा था। ओएनजीसी, एसबीआई,टाटा स्टील टाइटन, एक्सिस बैंक, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, एलएंडटी और आरआईएल में भी बिकवाली देखी गई। इस दौरान एशियाई बाजारों में भी गिरावट रही।
कोरोना का कहर…
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