जयपुर। फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा होटल हॉलिडे इन, जयपुर में चौथे एचआर समिट 2019 का आयोजन किया गया। इस समिट की थीम ‘रि-इमेजिनियरिंग द रोल ऑफ एचआरÓ रखी गई थी। इस समिट का उद्देश्य एचआर इंडस्ट्री के क्षेत्र में वर्तमान और भविष्य के रुझानों पर विचार-विमर्श के साथ डिजीटलाइजेशन के दौर में हयूमन रिर्सोस की विकसित भूमिका पर चर्चा करना था।
इस अवसर पर रीको के मैनेजिंग डायरेक्टर आशुतोष एटी पेडणेकर ने समिट में की-नोट प्रस्तुत करते हुये बताया कि, एचआर ने अपने विकास में लम्बा रास्ता तय किया है जहां शुरूआत के वर्षों में इसे मात्र एक सहायक विभाग समझा जाता था, वहीं बाद में इसने यह साबित कर दिखाया कि किस प्रकार एचआर किसी भी संस्थान के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण विभाग है। एचआर ने सुरक्षित और मुश्किल दोनों समय में संस्थान में अपनी उपयोगिता साबित की है।
रीको में एचआर के विकास के संबंध में उठाये जा रहे विभिन्न नवाचारों के बारे में जानकारी देते हुये आशुतोष पेडणेकर ने बताया कि इस संबंध में विभाग आईआईएम उदयपुर और एमएनआईटी जयपुर से समझौता किया है, जिससे एचआर में निरंतरता के साथ अपग्रेड होता रहे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार रीको का लक्ष्य प्रत्येक कर्मचारी को महत्वपूर्ण बनाने और उसके जरिये संस्थान की प्रगति में सहयोग करने को प्रेरित किया जाता है।
वहीं राजस्थान सरकार के श्रम, कौशल, रोजगार और उद्यमिता विभाग के कमिश्नर तथा आरएसएलडीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. समित शर्मा ने कहा कि एचआर मात्र कौशल विकास तक सीमित नहीं है बल्की इसमें निर्माण भी सम्मिलित है। कर्मचारियों को जो भी काम दिया जाये उसमें वो गर्व का अनुभव करें। आरएसएलडीसी का काम कौशल विकास से संबंधित है। उन्होंने कहा कि हम प्रतिवर्ष शॉर्ट टर्म कोर्सेस के अंतर्गत 1 लाख लोगों को प्रशिक्षण देते है, जिसकी अवधि 90 से 100 दिन की होती है। हम उद्योग जगत से आह्वान करते है कि वो अपनी मानव संसाधन से संबंधित जरूरतें हमसे साझा करें, जिससे हम इस कार्यक्रम के अंतर्गत उद्योग जगत की आवश्यकता के मुताबिक कौशल युक्त मानव संसाधन उपलब्ध करा सकें।
इसी प्रकार फिक्की राजस्थान सब-कमेटी ऑन एचआर के चेयरमैन व डाटा इन्जीनियस ग्लोबल लि. के फाउंडर और सीईओ डॉ. अजय डाटा ने बताया कि एचआर के संबंध में एक लक्ष्य बड़ा प्रचलित है जिसमें एक तरफ लोग शिकायत करते है कि पर्याप्त मात्र में नौकरियां उपलब्ध नहीं है, वहीं दूसरी तरफ लोगों को काम करने योग्य सही लोग नहीं मिलते है। उद्योग जगत को काम के लिये निर्धारित कौशल युक्त लोग नहीं मिल पाते है, क्योंकि हमारा लक्ष्य एक उचित, कौशलयुक्त संसाधन का निर्माण न करना होकर, हमारा जोर मात्र डिग्री हासिल करना और अच्छे नम्बर प्राप्त करना होता है। हमारी प्राथमिकता प्रचलित तकनीकों और जरूरतों के मुताबिक कर्मचारियों को तैयार करना और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये मानव संसाधन को तैयार करना होना चाहिये। वहीं अकिल बुसराई कंसल्टिंग के सीईओ डॉ. अकिल बुसराई ने एचआर की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया।
समिट के दौरान दो पैलेनरी सैशन भी आयोजित किये गये। जिसमें पहले सैशन ‘एचआर रोल इन डिजीटल इराÓ में फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के मेम्बर और महिन्द्रा वल्र्ड सिटी जयपुर लि. के बिजनेस हैड संजय श्रीवास्तव, मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के प्रेसीडेंट डॉ. जी.के. प्रभु, इन्फोसिस लि. के वाईस प्रेसीडेंट-एचआर और ग्रुप हैड-एम्प्लॉय रिलेशन नान्जपा बीएस, होंडा कार्स इंडिया लि. की एचआर और प्लानिंग हैड ज्योति सिंह, वोडाफोन आइडिया लि. के सीनियर वाईस प्रेसीडेंट-एचआर रेजन मिश्रा और हिन्दुस्तान जिंक लि. के स्ट्रैटजिक एचआर प्रोजक्ट्स हैड संजय शर्मा ने उद्योग जगत में डिजीटलाइजेशन के दौर में एचआर की भूमिकाओं पर प्रकाश डाला।
इसी प्रकार दूसरे सैशन ‘एचआर ट्रैंड्स-प्रेज़न्ट और फ्यूचर’ विषय पर जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. आर एल रैना, पिनाकल इन्फोटेक के एचआर और एडमिन्सट्रैशन के ग्लोबल हैड रिटायर्ड विंग कमांडर सोबन बिष्ट, कजारिया सेरामिक लि. के एचआर हैड राजीव गुप्ता और जीनियस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. के अरज्या कुमार मिश्रा ने वर्तमान और भविष्य में एचआर में होने वाले नये ट्रैंड्स के बारे में विस्तार से चर्चा की।
किसी भी संस्थान के लिये एचआर अत्यंत महत्वपूर्ण विभाग : आशुतोष पेडणेकर
199