बिजनेस रेमेडीज/नई दिल्ली। एस्सार आयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन लिमिटेड (ईओजीईपीएल) ने आज घोषणा की कि उसने गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड) के साथ गैस बिक्री एवं खरीद समझौते (जीएसपीए) पर हस्ताक्षर किया है। जीएसपीए में 15 साल का गैस आपूर्ति अनुबंध है जिससे कंपनी वैश्विक आधार पर प्रतिस्पर्धी कीमत पर रानीगंज ईस्ट ब्लाक से पूरे 2.3 एमएमएससीएमडी सीबीएम का मुद्रीकरण कर सकेगी।
समझौते पर हस्ताक्षर के सम्बन्ध में ईओजीईपीएल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी विलास तावड़े ने कहा, “यह समझौता दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद है और हमारे कारोबार के विस्तार की दिशा में उल्लेखनीय पहल है। यह सरकार की गैस आधारित अर्थव्यवस्था के दिशा में बढऩे की योजना के अनुरूप है जिससे विकास को बढ़ावा मिलेगा। गेल के वितरण ग्राहकों के नेटवर्क मसलन, गैस आधारित उद्योग और परिवारों को गैस की इस आश्वस्त आपूर्ति से लाभ मिलेगा।
जीएसपीए का मुकाम हासिल करने के बाद ईओजीईपीएल अब अपने मौजूदा 348 कुओं से उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करेगी और कंपनी भविष्य में इस ब्लाक में 150 और कुओं की खुदाई करना चाहती है। कंपनी शेल गैस उत्खनन जैसे गैर पारंपरिक क्षेत्रों में प्रवेश करने के लिए भी अवसर तलाश रही है जो ईओजीईपीएल के पोर्टफोलियो में है। इससे पहले पिछले सप्ताह भारत सरकार ने गैरपारंपरिक हाइड्रोकार्बन के साथ-साथ उत्खनन की मंज़ूरी दी है जिससे इसके मौजूदा लाइसेंस के अलावा इस क्षेत्र में भी प्रवेश का दायरा बढ़ा है। ईओजीईपीएल ने अपनी परिसंपत्तियों के अध्ययन के लिए अंतर्राष्ट्रीय परामर्शक नियुक्त किये हैं और वह इस परिसंपत्तियों के सम्बन्ध में विस्तृत एवं व्यवस्थित उत्खनन से लेकर विकास तक की प्रक्रिया का क्रियान्वयन करना चाहती है। कंपनी विशेष तौर पर रानीगंज ईस्ट सीबीएम ब्लाक में शेल गैस की विशाल सम्भावना के प्रति उत्साहित है।
ईओजीईपीएल ने सरकार की 11 अप्रैल 2017 को जारी अधिसूचना के आधार पर सीबीएम् गैस के संभावित खरीदारों के लिए बोली आमंत्रित की थी। यह अेधिसूचना सीबीएम गैस के ज़ल्द मुद्रीकरण का नीतिगत ढांचा है। यह नीति सीबीएम ब्लाकों के कांट्रेक्टरों को घरेलू बाज़ार में स्वतंत्र पक्ष के तौर पर विपणन और मूल्य निर्धारण में स्वतंत्रता प्रदान करती है।
गेल ने सफल बोली सौंपी जिसके तहत ब्रेंट क्रूड के तीन महीने के रोजाना के औसत मूल्य से सम्बद्ध गैस मूल्य अदा करने के पेशकश की गई। इस मूल्य से कंपनी की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
ईओजीईपीएल कुओं की खुदाई, आपूर्ति बुनियादी ढाँचे की स्थापना और दुर्गापुर तथा आस-पास के औद्योगिक क्षेत्र तक उपभोक्ता पाइपलाइन बिछाने के सम्बन्ध में रानीगंज ईस्ट सीबीएम् ब्लाक में 4,000 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश कर चुकी है। ब्लाक में 348 पूरी तरह तैयार कुँएं हैं, साथ ही सुदृढ़ गैस एवं जल प्रबंधन क्षमता है। ईओजीईपीएल ब्लाक की क्षेत्र विकास योजना (फील्ड डेवलपमेंट प्लान) के अनुरूप 500 से अधिक कुओं की खुदाई के जरिये अनुकूलतम उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। रानीगंज ईस्ट ब्लॉक भारत का सबसे उर्वर सीबीएम् ब्लाक है जहाँ से एक एमएमएससीएमडी से अधिक गैस का उत्पादन हो चुका है जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 2.3 एमएमएससीएमडी किया जायेगा।
तावड़े ने कहा, ईओजीईपीएल भारत में गैरपारंपरिक हाइड्रोकार्बन क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों में से एक है जिसने 1990 के दशक की शुरुआत में गुजरात लिग्नाइट में कुछ अनुसन्धान एवं विकास कुओं के साथ सीबीएम उत्खनन शुरू किया था। आज, कंपनी के पास करीब 3,000वर्ग किलोमीटर से अधिक का गैरपारंपरिक क्षेत्र है जहाँ कुल मिलाकर 18 टीसीएफ से अधिक संसाधन हैं। ” सीबीएम की अवधारणा वास्तविकता बन जाने के साथ पूर्वी भारत की दामोदर घाटी बेसिन में सीबीएम का और विकास तय है क्योंकि ओएनजीसी, जीईईसीएल और कोल इंडिया भे सीबीएम और शेल की दौड़ में शामिल हो रही हैं।
