नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने विभिन्न अवधि के लिए अपने कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.15 प्रतिशत तक की कटौती करने की घोषणा की है। बैंक ने अपने बयान में कहा है कि नई दरें 10 मार्च से प्रभावी मानी जाएंगी। बैंक ने एक साल की अवधि के लिए एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की है, जो 7.85 प्रतिशत से घटकर 7.75 प्रतिशत हो गई है।
एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष में लगातार 10वीं बार एमसीएलआर में कटौती की है। एक दिन अवधि से लेकर एक महीने के लिए एमसीएलआर में 0.15 प्रतिशत की कटौती कर इसे 7.45 प्रतिशत कर दिया गया है। तीन माह अवधि के लिए एमसीएलआर को 7.65 प्रतिशत से घटाकर 7.50 प्रतिशत कर दिया गया है। इस तरह दो साल और तीन साल के एमसीएलआर को 0.10 प्रतिशत घटाकर क्रमश: 7.95 प्रतिशत और 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है।
इससे पहले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की कमी करने का ऐलान किया था। यूनियन बैंक की नई दरें 11 मार्च से प्रभावी हुई हैं। यूनियन बैंक ने नौंवी बार एमसीएलआर में कटौती की है। यूनियन बैंक ने एक साल के लिए एमसीएलआर 8.10 प्रतिशत से घटाकर 8.00 प्रतिशत कर दी है।
एसबीआई के सभी बचत खाताधारकों को अब मिलेगी
‘जीरो बैलेंस’ की सुविधा
नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी बचत खाताधारकों के लिए एक औसत मासिक न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता समाप्त करने की घोषणा की। इससे अब बैंक के सभी बचत खाताधारकों को ‘जीरो बैलेंस’ खाते की सुविधा मिलने लगेगी। इसके अलावा बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर समान रुप से तीन प्रतिशत वार्षिक कर दिया है। एसबीआई नेकहा कि देश में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए उसने अपने सभी 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों के लिए औसत मासिक न्यूनतम राशि (एएमबी) रखने की अनिवार्यता खत्म कर दी है।