नई दिल्ली। सरकार को अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में विमानन कंपनी एयर इंडिया की बिक्री पूरा हो जाने का अनुमान है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने यह जानकारी दी। पांडेय ने आम बजट के बारे में वित्तीय मामलों के विशेषज्ञों से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने विनिवेश की रणनीति में बदलाव किया है और अब सरकारी कंपनियों की छोटी हिस्सेदारियों के बजाय रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में वृहद स्तर पर निजीकरण होगा।
पांडेय ने बीपीसीएल, कॉनकॉर और शिपिंग कॉरपोरेशन के संदर्भ में नवंबर में कहा था कि सरकार ने बड़े विनिवेश का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि हम तेजी से आगे बढ़े हैं। एयर इंडिया के लिए रुचिपत्र सार्वजनिक किए जा चुके हैं। हम 2020-21 की पहली छमाही में इन सौदों को पूरा कर लेना चाहते हैं।
सरकार ने पिछले सप्ताह एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया था। इसके साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी तथा एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की भी बिक्री की जाएगी। रूचिपत्र जमा करने की समयसीमा 17 मार्च तक है।
विशेषज्ञों से बजट पर यह चर्चा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में हुई। इस मौके पर आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती भी उपस्थित रहे। चक्रवर्ती ने विदेशी शेयर बाजारों में भारतीय कंपनियों को सीधे सूचीबद्ध किये जाने को लेकर उद्योग जगत से सुझाव मांगे। उन्होंने कहा कि सरकार एक योजना पर काम कर रही है क्योंकि कई कंपनियां घरेलू शेयर बाजारों के साथ ही विदेशी शेयर बाजारों में भी सूचीबद्ध होना चाहती हैं। इस बारे में चर्चा अंतिम चरणों में है।
‘एयर इंडिया की बिक्री अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में हो जाने का अनुमान’
254