नई दिल्ली। सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल ने 23,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति को भुनाने (किराये पर चढ़ाने या बेचने) की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी की योजना अगले वित्त वर्ष में लाभ की स्थिति में आना है। कंपनी पहले ही 6,200 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को बेचने या किराये पर चढ़ाने के लिए निवेश और लोक परिसपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को योजना सौंप चुकी है। इसमें मुंबई में 36 एकड़ भूमि, दिल्ली में दुकान व कार्यालय , नोएडा में आवासीय मकान इत्यादि शामिल हैं।
एमटीएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुनील कुमार ने बताया, ” हमने 23,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों की पहचान की है , जिसे किराये पर चढ़ाया जा सकता है या फिर बिक्री की जा सकती है। ये सभी संपत्तियां दिल्ली और मुंबई में मुख्य स्थानों पर है। हमने दीपम को 6,200 करोड़ रुपये की संपत्ति को बेचने या किराये पर चढ़ाने की योजना सौंपी है।
वीआरएस और परिसंपत्ति बिक्री प्रक्रिया के पूरा होने साथ हमें अगले वित्त वर्ष में लाभ की स्थिति में आने की उम्मीद है। ” कंपनी के 14,387 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) में रुचि दिखाई है। कुमार को उम्मीद है कि इससे एमटीएनएल को सालाना 1,700 करोड़ रुपये की बचत होगी।
घाटे में चल रही इस सरकारी दूरसंचार कंपनी में कुल 18,422 कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा, ” हम रियल एस्टेट परिसंपत्तियों की बिक्री करके या किराये पर चढ़ाकर 2020-21 में 7,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रख रहे हैं। यह पुनरुद्धार योजना का हिस्सा है। इसका उपयोग कर्ज पुनर्गठन के साथ-साथ आधुनिकीकरण में किया जाएगा। ” कंपनी को मुंबई के प्रमुख स्थानों जैसे वसई हिल, मुलुंड , सिम्फोली इत्यादि में अपने भूखंडों की बिक्री से लगभग 5,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।
एमटीएनएल ने 23,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को बेचने, किराये पर देने की प्रकिया शुरू की
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