जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान में औद्योगिक निवेश के अनुकूल माहौल तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि मात्र 6 माह में ही ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और राजस्थान इन्वेस्टर फ्रेण्डली स्टेट बनेगा। मार्च माह में लाया गया सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एण्ड ऑपरेशन) अध्यादेश, 2019 तथा आज शुरू किया गया एमएसएमई वेब पोर्टल इसी दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में एमएसएमई वेबपोर्टल 222.ह्म्ड्डद्भह्वस्र4शद्दद्वद्बह्लह्म्ड्ड.ह्म्ड्डद्भड्डह्यह्लद्धड्डठ्ठ.द्दश1.द्बठ्ठ के शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस पहल से प्रदेश के युवाओं की चिंता दूर होगी और रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध होंगे। इस मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित उद्यमियों को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आपकी दिक्कतों का अहसास है। राज्य सरकार उद्यमों की स्थापना में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए हमेशा तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए ऐसा ऐतिहासिक अध्यादेश लागू किया है। अब राज्य में उद्यम लगाने के लिए एमएसएमई उद्यमियों को तीन साल तक किसी प्रकार की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी। इस वेबपोर्टल पर स्वघोषणा प्रपत्र भरकर ही उद्यमी अपना एमएसएमई उद्यम स्थापित कर सकेंगे। उन्हें किसी भी सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उन्हें हर तरह के सरकारी हस्तक्षेप से मुक्ति मिलेगी और वे निश्चित होकर अपना कारोबार कर सकेंगे। आने वाले विधानसभा सत्र में ही इस अध्यादेश को बिल बनाकर एक्ट का रूप देंगे।
लाएंगे नई उद्योग नीति, प्रदेश में भी बनाएंगे एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल : मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए भी प्रदेश में 10 हैक्टेयर तक कृषि भूमि का लैण्ड यूज चेंज करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार जल्द ही नई उद्योग नीति लाएगी। नेशनल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की तर्ज पर ही प्रदेश में भी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल बनाई जाएगी तथा सिंगल विण्डो सिस्टम को भी प्रभावी बनाया जाएगा। राजस्थान इण्डस्ट्रियल प्रमोशन स्कीम (रिप्स) को भी हम और अधिक इन्वेस्टर फ्रेण्डली बनाएंगे।
सौलर एवं विण्ड एनर्जी पॉलिसी में करेंगे सुधार : गहलोत ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में प्रदेश में विण्ड एनर्जी की सम्भावनाओं को पहचानते हुए इस दिशा में शुरुआत की थी। आज राजस्थान में करीब 4500 मेगावाट विण्ड एनर्जी का उत्पादन हो रहा है। हमारी सरकार सौलर एवं विण्ड एनर्जी पॉलिसी को भी बेहतर बनाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वेब पोर्टल पर सेल्फ डिक्लरेशन प्रपत्र भरने वाले उद्यमियों अनिल भाटी, परमजीत कपूर एवं गौरव राजोरिया, पवन शर्मा तथा चेतन पनिया एवं विजय पनिया को उनके द्वारा स्थापित की जाने वाली एमएसएमई इकाइयों के लिए ‘प्राप्ति का प्रमाण पत्रÓ प्रदान किया।
उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने इस अवसर पर कहा कि इस अध्यादेश से प्रदेश में उद्योगों की स्थापना को गति मिलेगी। निवेश के अनुकूल माहौल बनेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने अध्यादेश एवं वेबपोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस अध्यादेश के प्रभावी होने से उद्यमियों की परेशानियां दूर होंगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग सुबोध अग्रवाल ने एमएसएमई सेक्टर के महत्व तथा वेबपोर्टल के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई, उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार अरविंद मायाराम एवं सलाहकार (मुख्यमंत्री) गोविंद शर्मा सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
एमएसएमई वेब पोर्टल शुरु, उद्यम शुरू करने के लिए अब नहीं काटने होंगे चक्कर
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