मुंबई। लिक्विडिटी की कमी का सामना कर रहे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए नॉन-बैकिंग फाइनेंस कंपनियों (हृक्चस्नष्ट) से फंडिंग और घटने की आशंका है। हाउसिंग फाइनेंस कंपनी ष्ठ॥स्नरु की रेटिंग हाल ही में डाउनग्रेड होने के बाद अन्य हृक्चस्नष्ट सतर्क हो गई हैं। इससे फंडिंग को लेकर रियल एस्टेट सेक्टर की चुनौतियां बढ़ सकती हैं। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रेट कट करने और सरकार के कुछ उपायों से इस सेक्टर में तेजी आने की उम्मीद थी। रियल एस्टेट कंसल्टंसी छ्वरुरु के चीफ इकॉनमिस्ट (रिसर्च एंड क्रश्वढ्ढस्) सामंतक दास ने कहा कि इकॉनमी की वित्तीय स्थिरता की जिम्मेदारी क्रक्चढ्ढ पर है और इस वजह से हमें इस मुश्किल से निपटने के लिए क्रक्चढ्ढ की ओर से कुछ उपाय करने की उम्मीद है।
हृक्चस्नष्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि सेक्टर के लिए फंडिंग सितंबर 2018 से 80 पर्सेंट घटी है। पिछले छह महीनों में एवरेज टिकट साइज कम से कम 60 पर्सेंट कम हुआ है। रेजिडेंशल रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी संभावनाएं बेहतर होती दिखी थी और कुछ लिस्टेड रियल्टी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2019 की अंतिम तिमाही में मुनाफा दर्ज किया था। मार्च तिमाही में हाउसिंग सेल्स पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 28 पर्सेंट बढ़कर 38,600 यूनिट रही थी।
बैंकों की तुलना में हृक्चस्नष्ट/हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों का बढ़ता महत्व इससे पता चलता है कि इनका रियल एस्टेट डिवेलपर्स को बकाया क्रेडिट फाइनैंशल इयर 2011-12 में 36 पर्सेंट से फाइनैंशल इयर 2017-18 में बढ़कर 58 पर्सेंट पर पहुंच गया था। रियल एस्टेट पर फोकस करने वाले बुटीक इन्वेस्टमेंट बैंक एलिसिम कैपिटल के फाउंडर सुभाष उधवानी ने कहा कि हृक्चस्नष्ट में हाल के घटनाक्रम से रियल एस्टेट की फाइनैंसिंग को लेकर अनिश्चितता बढ़ी है। चुनाव के बाद स्थिर सरकार बनने से रीयल्टी सेक्टर में तेजी आने की उम्मीद थी लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा।
