बिजनेस रेमेडीज/मुंबई। भारतीय निर्यात-आयात बैंक के प्रबंध निदेशक डेविड रस्कीना ने ब्रिक्स देशों ब्राजील रूस भारत चीन और दक्षिण अफ्रीका के सदस्य विकास बैंकों के अध्यक्षों के साथ एक बहुपय सहयोग करार पर हस्ताक्षर किए। यह करार डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर/ ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर मिलकर अनुसंधान करने पर सहमति स्वरूप किया गया है। यह सहयोग ज्ञापन ब्रिक्स देशों के सदस्य विकास बैंकों की वार्षिक बैठक में हुई चर्चा का परिणाम है। इसका उद्देश्य ब्रिक्स अंतरबैंक सहयोग तंत्र के अंतर्गत सहयोग बढ़ाना है।
इस अम्ब्रेला करार के अंतर्गत हस्ताक्षरकर्ता विकास बैंकों ने एक संयुक्त अनुसंधान कार्यकारी समूह बनाने पर सहमति जताई है जो अनुसंधान का एजेंडा और लक्षित परिणामों पर काम करेगा। यह कार्यकारी समूह वित्तीय क्षेत्र में और विशेष रूप से इन्फ्रास्ट्रक्चर वित्तपोषण के क्षेत्र में डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर/ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के संभावित उपयोगों को चिह्नित करने की दिशा में भी शोध करेगा। डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर/ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पुरानी प्रक्रिया की जगह अपनाई जाने वाली एक अभिनव प्रक्रिया है जो पेपरवर्क को कम करते हुए अत्यंत शीघ्रता से संव्यवहारों का निपटारा करने में सक्षम है। इस प्रकार इस करार के माध्यम से ब्रिक्स विकास बैंकों के बीच सहयोग बढऩे तथा प्रक्रिया के सरल होने और इसमें तेजी आने की उम्मीद है। साथ ही ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए सीमापार भुगतान की लागत में भी कमी आएगी।
भारतीय एक्जिम बैंक ब्रिक्स अंतरबैंक सहयोग तंत्र के अंतर्गत नामित विकास बैंक है। ब्रिक्स देशों के अन्य नामित विकास बैंकों में ब्राजील का बीएनडीईएसए रूस का वेनेश्कोनॉम बैंक चीन का चाइना डेवलपमेंट बैंक और दक्षिण अफ्रीका का डेवलपमेंट बैंक ऑफ सदर्न अफ्रीका शामिल हैं।
एक्जिम बैंक ने अन्य ब्रिक्स देशों के विकास बैंकों के साथ मिलकर डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर/ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर अनुसंधान के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए
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