जयपुर। आज के समय में मार्केंटिंग, डिजाइन और पैकेजिंग में कुछ नया करने की जरूरत है। क्राफ्ट इंडस्ट्री में पैकेजिंग हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में छोटे-छोटे देश पैकेजिंग और डिजाइन में नवाचार कर अपने मार्केंट का विस्तार कर रहे हैं। इन देशों के उदाहरण भारत के लिए ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केंटिंग के संदर्भ में अच्छे अवसर साबित हो सकते है। अगले दो सप्ताह में देश की सभी काउंसिलों की एक बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें यह मंथन किया जाएगा कि हम इस सेक्टर में घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय मार्केंटिंग में क्या नए कदम उठा सकते हैं। यह बात भारत सरकार की कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने जयपुर स्थित एसमएस कन्वेंशन सेंटर रामबाग में ‘मीट एंड ग्रीट विद एक्सपोर्ट फ्रेटर्निटी ऑफ जयपुरÓ कार्यक्रम में सम्बोधित कर रही थी।
केन्द्रीय कपड़ा मंत्री ने जीएसटी व्यवस्था को अपनाने के लिए हैंडीक्राफ्ट एवं कॉरर्पेट इण्डस्ट्री उद्योग की सराहना की। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री और मंत्रालय के मध्य आपसी सहयोग के कारण गत 4 वर्षों में 770 मार्केंटिंग और ब्रांडिंग कार्यक्रम भारत में आयोजित हो पाए हैं। भारत में डिजाइन और टेक्निक को उन्नत बनाने के लिए 740 वर्कशॉप्स काउंसिल के सहयोग से दस्तकारों के लिए आयोजित की गई है।
इस अवसर पर कॉरर्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (सीईपीसी) के चेयरमैन महावीर शर्मा ने कहा कि हैंडीक्राफ्ट, कारॅर्पेट और अपैरल इंडस्ट्री में वर्तमान में दक्ष कारीगरों की कमी होती जा रही है। सभी हस्तनिर्मित प्रोडक्ट्स को टेक्नोलॉजी से चुनौती मिल रही है।
वर्तमान में एक ऐसे अम्ब्रेला आर्गनाइजेशन की आवश्यकता है जो भारत से बाहर हैडमेड क्राफ्ट की बेहतर तरीके से ब्रांडिंग एवं मार्केंटिंग कर सके। इसी के साथ ही विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को लेकर नीति निर्माण में भी थोडी तेजी लानी होगी।
उद्योगों को मार्केंटिंग, डिजाइन और पैकेजिंग में नवाचार करना चाहिए : स्मृति इरानी
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