मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक ने घोषणा की कि उसने अब तक 2 मिलियन फास्टैग जारी किए हैं और इस तरह बैंक देश का अकेला ऐसा वित्तीय संस्थान बन गया है, जिसने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बैंक का लक्ष्य अगले छह महीनों में फास्टैग की संख्या को दोगुना करना है। फास्टैग एक ब्रांड नाम है
जिसका स्वामित्व भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) के पास है, जो इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग और एनएचएआई की अन्य सहायक परियोजनाओं का संचालन
करता है। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) टैग वाहन के विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है। इसका इस्तेमाल करना भी आसान है, इसे फिर से लोड किया जा सकता है और इस तरह टोल शुल्क की स्वचालित कटौती हो जाती है और वाहन को नकद लेनदेन के लिए रुके बिना टोल प्लाजा से गुजरने देता है।
मूल्य और संख्या के मामले में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) बाजार में आईसीआईसीआई बैंक अग्रणी है। फास्टैग पर लेनदेन की संख्या के मामले में आधे से अधिक बाजार हिस्सेदारी पर बैंक का कब्जा है। मूल्य के संदर्भ में, बैंक की बाजार हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से भी अधिक है। सितंबर 2019 में, पूरे उद्योग में 29 मिलियन फास्टैग लेनदेन में से आईसीआईसीआई बैंक ने कुल मिलाकर लगभग 395 करोड़ रुपए के लगभग 15.4 मिलियन लेनदेन किए।
बैंक की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर टिप्पणी करते हुए बैंक के हैड-अनसिक्योर्ड ऐसेट्स सुदीप्ता रॉय कहते हैं, ”हम आईसीआईसीआई बैंक को देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर ईएचएमसीएल के साथ-साथ ईटीसी के कार्यान्वयन से जुड़े होने पर बहुत गर्व महसूस करते हैं। देश में सबसे पहले आईसीआईसीआई बैंक ने ही मुंबई – वडोदरा कॉरिडोर में इस अभिनव सेवा की शुरुआत की थी और आज बैंक ने दूसरे बैंकों के बीच अंतर-संचालन के लिए राष्ट्रीय मानक बनाने के लिए मानदंड निर्धारित किए हैं।