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आईबीएम ने ‘एसटीईएम फॉर गल्र्स प्रस्तुत करने के लिये राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये

by Business Remedies
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जयपुर। आईबीएम ने घोषणा की है कि उसने राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं, जो 3 वर्ष की अवधि में (नवंबर 2019 से मई 2022) 306 सेकंडरी/ सीनियर सेकंडरी स्कूलों की लड़कियों और लड़कों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजिनियरिंग और गणित (एसटीईएम) के क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से कुशलता और कॅरियर देने के लिये प्रस्तावित ‘आईबीएम एसटीईएम फॉर गर्ल्स प्रोग्राम पेश करेगा। यह गठबंधन आईबीएम और राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग के बीच तीन वर्षीय प्रोग्राम का हिस्सा है, ताकि एसटीईएम से जुड़े कॅरियर में लड़कियों और लड़कों की भागीदारी बढ़े।
क्लाउड और एआई जैसी टेक्नोलॉजीज को गति मिलने से भारत में योग्य कार्यबल की मांग तेजी से बढ़ रही है। ‘आईबीएम एसटीईएम फॉर गर्ल्स प्रोग्राम में एक व्यापक दृष्किोण है, जो तकनीकी क्षमता के साथ जीवन और आत्म-अवलोकन की कुशलताएं देगा।
‘एसटीईएम फॉर गल्र्स्र आईबीएम की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की पहल है, जो मुख्य रूप से ऐसी लड़कियों के लिये शिक्षा से कार्य तक और कॅरियर का मार्ग प्रशस्त करने पर लक्षित है, जो सरकारी स्कूलों में पढ़ रही हैं। इस प्रोग्राम में डिजिटल साक्षरता, कोडिंग और टेक्नोलॉजी कुुशलताएं, 21वीं सदी की कुशलताएं और कॅरियर कुुशलताए शामिल है, ताकि लड़कियाँ सशक्त हों और एसटीईएम की शिक्षा और कॅरियर में उनकी रूचि बढ़े।
मंजु राजपाल, प्रधान सचिव, स्कूली शिक्षा और भाषा, राजस्थान सरकार ने कहा, ”अर्थव्यवस्था और कार्यस्थल के बदलते आयामों में प्रासंगिक रहने के लिये कुशलता और जीवनभर सीखते रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम अपनी अगली पीढ़ी को तैयार करने में प्रभावी योगदान के लिये आईबीएम के साथ इस गठबंधन को फलीभूत होते देखना चाहते हैं, वह पीढ़ी, जो भविष्य के अवसरों के लिये स्कूलों में पढ़ रही है।
आईबीएम इंडिया प्रा. लि. में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की प्रमुख रूमी मलिक मित्रा ने कहा, ”यदि हम भारत की प्रतिभा को वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्द्धा करते देखना चाहते हैं, तो उनकी कुशलता को निखारना जरूरी है। राजस्थान सरकार के साथ हमारा गठबंधन बाजार के बदलावों और उद्योग की जरूरतों के अनुसार चलने में विद्यार्थियों की मदद करेगा। आईबीएम विद्यार्थियों के सशक्तिकरण में आगे रहा है और उसमें निवेश करता रहा है, ताकि वे भविष्य के लिये तैयार हों और देश का प्रतिभा आधार बढ़े।
भारत में आईबीएम की नई कॉलर स्किलिंग पहलों में यह भी शामिल हैं: 1.कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ मिलकर उभरती प्रौद्योगिकी में दो-वर्षीय एडवांस्ड डिप्लोमा प्रोग्राम, जो अगले तीन वर्षों में 100 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में उपलब्ध होगा, जिनमें 50 ऑल-वूमेन आईटीआई शामिल हैं।

आईबीएम कुछ विद्यार्थियों के लिये 5 माह की इंटर्नशिप की पेशकश भी करेगा, ताकि उन्हें अपनी कुशलताओं को गहन बनाने का अवसर मिले और वे क्लाउड और एआई जैसे उभरते क्षेत्रों को गहराई से समझें। इस शैक्षणिक वर्ष में 2 वर्ष के डिप्लोमा प्रोग्राम की शुरूआत के लिये अभी 40 आईटीआई को सूचीबद्ध किया गया है।
2.अटल टिंकरिंग लैब्स पहल के माध्यम से युवा नवोन्मेषकों पर लक्षित भारत सरकार के साथ आईबीएम की जारी संलग्नता के हिस्से के तौर पर 4000 संरक्षकों और उनके 600,000 शिष्यों को अनूठे एआई-पॉवर्ड मेंटर प्लेटफॉर्म से लाभ मिलेगा। आईबीएम वाटसन कॉग्निटिव इंजिन से विकसित यह प्लेटफॉर्म संरक्षकों और उनके शिष्यों के बीच संवाद की निगरानी करता है, ताकि यूजर्स को व्यक्तिपरक सहयोग मिले। आईबीएम नेशनल मेंटर ऑफ चेंज मिशन के साथ जुड़कर इस प्लेटफॉर्म पर अब तक 300 आईबीएम विशेषज्ञों समेत 2500 संरक्षकों को ला चुका है।

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