नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र सरकार होम बायर्स के रास्ते आम जनता के बीच पकड़ मजबूत करने का रास्ता तलाश रही है। इसके लिए चार बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक्स ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पैसों की कमी से अटके पड़े आधा दर्जन बिल्डिंग प्रॉजेक्ट्स को फंड देने का ऑफर दिया है, जिससे उनका काम इसी साल फिर से शुरू हो सके। बैंकों ने इसके लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन से भी बात की है।
बैंकिंग सेक्टर से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि सरकार ने हृक्चष्टष्ट से ऐसे प्रॉजेक्ट्स की लिस्ट मांगी है।
साथ ही यह भी पूछा है कि उन्हें पूरा करने के लिए कितनी रकम की जरूरत होगी। सूत्रों के अनुसार सरकार चाहती है कि यह प्लान जल्द से जल्द फाइनल हो जाए, जिससे 2019 आम चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले काम शुरू किया जा सके।
बैंकों की ये हैं शर्त : पहले के खराब अनुभवों के चलते बैंकों ने सरकार से साफ कहा है कि वह फंड देने को तब ही राजी होंगे जब अपार्टमेंट्स और खाली पड़ी जमीन को उनके पास गिरवी रखा जाए। बैंकों का कहना है कि प्रॉजेक्ट्स के पूरा होने पर वह उन फ्लैट्स को बेचकर अपना पैसा निकालेगा। बैंक सिर्फ उन्हीं प्रॉजेक्ट्स को पैसा देने का मूड बना रहे हैं जिन्हें इस वक्त कहीं और से फंडिंग नहीं मिल रही। फंड देने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, इलाहबाद बैंक आदि आगे आए हैं।
उल्लेखनीय है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में करीब 3 लाख होम बायर्स अपना फ्लैट मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
